नमस्कार और आपका स्वागत है, क्रिकेट की बातें वेबसाइट के एक नये ब्लॉग में। आज हम बात करेंगे भारत के 5 ऐसे भारतीय क्रिकेटर (5 Indian Cricketer Who Became Politician ) की जिन्होंने खेल के अलावा सियासी मैदान में भी अपना भाग्य आजमाया। किसी को सफलता मिली तो कोई इसमें भी रहा असफल।
5 Indian Cricketer Who Became Politician |
5 Indian Cricketer Who Became Politician
राजनीती में अब अलग-अलग पार्टिया अपने चूनाव के प्रचार में लोकप्रिय व्यक्तिओ को लेकर आती है। कई बार ये दांव काम भी कर जाती है,ये ज्यादातर या तो क्रिकेट जगत (Indian Cricket Team)से होते है या फिर सिनेमा जगत से। भारत में बहुत सारे क्रिकेटरों ने अपना नसीब राजनीती जगत में आजमाया है हालांकि सफलता सभी को हाथ नही लगी है। पर बहुत सारे क्रिकेटरों ने इस मैदान पर भी छक्के-चौके ही मारे है। जनता ने कई बार अपने ख्वाइसो को पूरा करने का जरिया क्रिकेटरों को बनाया है।आज हम ऐसे ही 5 क्रिकेटर की बात करेंगे जिन्होंने क्रिकेट के बाद राजनीती में अपना भाग्य आजमाया।
1. मंसूर अली खान पटौदी
मंसूर अली खान पटौदी (Mansoor Ali Khan Pataudi) ही वो पहले क्रिकेटर थे जिन्होंने राजनीती में अपना भाग्य आजमाया था। पटौदी साहब ने कुल दो लोकसभा चुनाव लड़ी तथा दोनों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। सन 1971 में सवर्प्रथम विशाल हरियाणा पार्टी के जरिये पटौदी साहब ने राजनीती में अपना कदम रखा और उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। दुबारा फिर से 1975 में मंसूर अली खान पटौदी साहब ने चुनाव में अपना कदम रखा तथा उन्हें फिर से हार का सामना करना पड़ा था। ऐसा कहना गलत नही होगा की क्रिकेटरो के लिए चुनावी मैदान आसान नही रहा है।
2. गौतम गंभीर
गंभीर (Gautam Ghambhir) क्रिकेट के मैदान हो या फिर राजनीती दोनों में ही जनता का दिल जीतने में सफल रहे है। उनका 2011 वर्ल्ड कप फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ खेला गया 97 रन की पारी आज भी उतना ही सुकून देता है ,जीतना 2011 में । गंभीर ने राजनीती में भी अच्छा काम किया है। 22 मार्च 2019 को गंभीर ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्यता ली उन्होंने पूर्वी दिल्ली से भाजपा के तरफ से चुनाव लड़ा और उन्हें जीत मिली। फिलहाल गौतम गंभीर ने राजनीती ने संन्यास लेने की घोषणा कर दी है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया के माध्यम से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से आगामी चुनाव में अपने-आप को राजनीती से दूर रखने का सूचना दिया।
3. नवजोत सिंह सिद्धू
नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) का राजनीती सफर आलोचना भरा रहा है। सिद्धू साल 2004 में राजनीति में आए. वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से अमृतसर लोकसभा सीट से 2004 से लेकर 2014 तक सांसद रहे. इसके बाद अप्रैल, 2016 में सिद्धू राज्यसभा के सांसद बनाये गए। सिद्धू को "पंजाब का शेर" कहा जाता है और उन्होंने इस बात को साबित भी किया है। राजनीती मैदान हो या फिर क्रिकेट की मैदान सिद्धू ने दोनों में ही अपना नाम बनाया है। राज्यसभा के सांसद बनने के लगभग 3 महीने के अंदर ही सिद्धू ने इस्तीफा दे दिया। 2017 में सिद्धू कांग्रेस में शामिल हो गए। जनता ने सिद्धू पर अपना विश्वास जताया है। क्रिकेटर जो की राजनीती में सफल हुए उनमे सिद्धू का नाम पहले स्थान पर आता है।
4. मनोज तिवारी
बंगाल के लिए घरेलु क्रिकेट खेलने वाले मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) ने भले ही भारत के लिए बहुत अधिक मैच न खेला हो पर राजनीती में उनका बोलबाला है। भारत के लिए 12 वनडे में 26.09 की औसत से 287 रन बनाए। इनमें एक शतक और एक अर्धशतक शामिल है। इसके अलावा उन्होंने तीन टी20 भी खेले, जिसमें 15 रन बनाए। मनोज के नाम वनडे में पांच विकेट भी हैं। उन्होंने 2021 में त्रिमूलन कांग्रेस जो की ममता बनर्जी की पार्टी है उनमे शामिल हुए और बंगाल विधानसभा उमीदवार के रूप के खड़े हुए और उन्हें जीत मिली। मनोज अब बंगाल विधानसभा में विधायक तथा खेलमंत्री भी है।