नमस्कार और आपका स्वागत है, क्रिकेट की बातें वेबसाइट के एक नये ब्लॉग में। आज हम बात करेंगे आईपीएल (Indian Premier League) के ऐसे कप्तान (Most Unlucky Captain In Ipl history) के बारे में जो अपनी टीम को विजेता बनाने से बस एक कदम दूर रह गए।
Most Unlucky Captain In Ipl history |
Most Unlucky Captain In Ipl history
आईपीएल,बिग बैस जैसी लीग जो की विश्व में क्रिकेट की सबसे बड़ी लीग है। इसमें फ्रैंचाइज़ी जब खिलाड़ी को कप्तान बनाती है,तो कप्तान बनाने के साथ ही उस खिलाड़ी को बहुत सारी जिम्मेदारी दी जाती है,और खासकर जब कोई टीम अब तक कभी विजेता न बनी हो।ऐसे में किसी भी खिलाड़ी के ऊपर दबाव आ जाता है। आईपीएल दुनिया की सबसे बड़ी लीग है। देश-विदेश सारे जगह के क्रिकेट के दर्शको का नजर आईपीएल पर बना होता है। सभी अपने पसंदीदा टीम को विजेता बनते देखना चाहते है। ऐसे में सभी टीमों के कप्तानों पर बहुत सारा दवाब होता है। हालाँकि बहुत ऐसे भी खिलाड़ी है जो कप्तानी में अपनी टीम को कई बार विजेता बना चुके है। तो कई अपनी टीम को विजेता बनाने में असफल रहे। इस आर्टिकल में हम ऐसे खिलाड़ी की बात करेंगे जो अपनी कप्तानी में टीम को चैंपियन नही बना सके।
विराट कोहली
विराट कोहली |
विराट कोहली निशंदेह आईपीएल के दिग्गज खिलाड़ी है। आईपीएल के 9वे सीजन जो की साल 2016 में खेला गया था। विराट कोहली रॉयल चैलेंजर बेंगलुरु के कप्तान थे। आईपीएल का फाइनल मैच 29 मई 2016 को आरसीबी और हैदराबाद के बीच खेला गया था। हैदरबाद ने टॉस जीतकर अपने बैटिंग के निर्णय लिया और 20 ओवर में 208 रन का स्कोर खड़ा कर दिया।
विशाल स्कोर का पीछा करने उतरी बेंगलुरु की टीम ने 10 ओवर तक 100 रन से ज्यादा बना चुकी थी। ऐसा लग रहा था की टीम आसानी से 208 रन चेस कर देगी। पर ऐसा हो न सका और पूरी टीम 20 ओवर में 200 रन ही बना सकी और उन्हें 8 रन से हार का सामना करना पड़ा। और इस प्रकार उनका चैंपियन बनाने का सपना धूमिल हो गया।
श्रेयस अय्यर
श्रेयस अय्यर |
साल 2020 में दिल्ली कैपिटल टीम की कमान भारतीय बल्लेबाज श्रेयस अय्यर के पास थी। दिल्ली की टीम ने उस साल अच्छा प्रदर्शन किया और टीम फाइनल तक पहुंच गयी। दिल्ली के फैंस को लग रहा था की उनका विजेता बनाने का सपना पूरा हो जाएगा। फाइनल मैच में दिल्ली का सामना खतरनाक फॉर्म में मौजूद मुंबई इंडियंस से हुई। दिल्ली ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का फैसला किया और उनका यह फैसला गलत साबित हो गयी।
दिल्ली ने अपना पहला विकेट 0 के स्कोर पर ही खो दिया। टीम लडख़ड़ाती हुयी 20 ओवर में 156/7 रन बना सकी। जिसमे श्रेयस अय्यर ने 50 बॉल में 65 रन की पारी खेली थी और साथ ही ऋषभ पंत ने भी 38 बॉल में 56 रन की महत्वपूर्ण पारी खेली थी। मुंबई ने बड़ी आसानी से इस लक्ष्य को 18.4 ओवर में 157/5 हासिल कर लिया। और इस प्रकार दिल्ली का चैंपियन बनने का सपना अधूरा रह गया।
जॉर्ज बेली
जॉर्ज बेली |
ऑस्ट्रलियाई बल्लेबाज जॉर्ज बेली आईपीएल के 7वे सीजन में किंग इलेवन पंजाब के कप्तान थे। बेली ने उस साल बड़ा ही उम्दा कप्तानी किया था।और उनके अच्छे कप्तानी के फलस्वरूप पंजाब फाइनल तक पहुंचने में सफल रही थी। उस सीजन में ऑस्ट्रेलिया के ग्लेन मैक्सवेल ने भी पंजाब के लिया बड़ा अच्छा प्रदर्शन किया था। मैक्सवेल 2014 में प्लेयर ऑफ़ द टूनामेंट रहे थे। फाइनल में उनके सामने गौतम गंभीर की कोलकाता नाईट राइडर की टीम खड़ी थी। कोलकाता ने पहले टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया। पहले बैटिंग करने आयी पंजाब ने ठीक-ठाक शुरुआत की उनका पहला विकेट वीरेंदर सेहवाग(7 रन 10 बॉल में ) के रूप ने 3.4 ओवर में 23/1 में गिरा। उस मैच में भारतीय विकेटकीपपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा ने 55 बॉल में धुआंदार 209.00 के स्ट्राइक रेट से 115 रन की पारी खेली थी जिसमे उनके बल्ले से 10 चौके और 8 छक्के निकले थे।
विशाल स्कोर का पीछा करने उतरी कोलकाता ने टीम ने अपना पहला विकेट 6 के निजी स्कोर पर रॉबिन उथप्पा के रूप में खो दिया। गौतम गंभीर (23 रन 17 बॉल में) भी सस्ते में चलते बने। उस समय आईपीएल में युवा खिलाड़ी के तौर पर आये मनीष पाण्डे ने 50 बॉल में 94 रन की महत्वपूर्ण पारी खेली थी। जहाँ एक समय खेल से बाहर नजर आ रही कोलकाता की टीम अब पुरे जोश में नजर आ रही थी। कोलकाता ने 3 बॉल रहते ही 200 रन के विशाल स्कोर का पीछा कर लिया और पंजाब का चैंपियन बनाने का सपना अधूरा रह गया।
शेन वॉटसन
शेन वॉटसन |
अगर आप आईपीएल देखने के शौक़ीन है तो आपने साल 2014 में मुंबई और राजस्थान के मैच को जरूर देखा होगा। या फिर आपने सोशल मीडिया के माध्यम से हाईलाइट तो जरूर देखी होगी। इस मैच को आईपीएल के इतिहास का सबसे थिल्लर मैच कहा जाता है। मुंबई ने राजस्थान के मुँह से जीता हुआ मैच को छीन लिया था। इस मैच को जो टीम जीतती वो प्लेऑफ में अपना जगह पक्का करती। राजस्थान की टीम का कमान उस समय ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी शेन वॉटसन के हाथ में था। मुंबई ने पहले टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया। राजस्थान ने पहले बैटिंग करते हुए 20 ओवर में 189/4 का स्कोर खड़ा किया था।जिसमे संजू सैमसन और करुण नायर ने महत्वपूर्ण पारी खेली थी। संजू ने 47 बॉल में 74 रन और करुण ने 27 बॉल में 50 रन बनाये थे।
मुंबई को यह लक्ष्य 14.4 ओवर में ही चेस करनी थी। मुंबई के खिलाड़ी लेंडल सिम्मन्स 12 रन के निजी स्कोर पर चलते बने। न्यूज़ीलैण्ड के तूफानी बल्लेबाज कोरी एंडरसन ने 47 बॉल में खतरनाक 95 रन की पारी खेली थी। अंबाती रायुडू ने 10 बॉल में 300.00 के स्ट्राइक रेट से 30 रन की तूफानी पारी खेली थी। रायुडू ओवर 15वे के तीसरा गेंद पर रन लेते हुए रन आउट हो गए। मुंबई को 15वे ओवर के चौथा गेंद पर 6 रन की जरुरत थी नही तो उनका प्लेऑफ में जाने का सपना अधूरा रह जाता। मुंबई के युवा खिलाड़ी आदित्य तरे ने आते ही 6 रन मार कर 14.4 ओवर में 189 रन का स्कोर चेस करवा दिया और मुंबई प्लेऑफ में पहुंच गयी। शेन वॉटसन के लिए यह अश्र्यजनक था।